लेखनी प्रतियोगिता -31-Mar-2023 पश्चाताप
दीपक अस्पताल में जब शराब के नशे में धुत पहुंचता है, तो दीपक के सास ससुर को शराबी दमाद मिलने पर अपनी बेटी शालिन के भविष्य की बहुत चिंता होने लगती है।
दीपक के पास आज शराब पीने का अच्छा बहाना था, क्योंकि उसकी पांच साल की बेटी को ब्लड शुगर हो गया था। अब उसकी बेटी को जीवन भर इंसुलिन के इंजेक्शन लगने थे।
अस्पताल के सिक्योरिटी गार्ड नशे में धुत दीपक को उसकी बीमार बेटी से मिलने नहीं देते हैं। दीपक की इस हरकत से दीपक की पत्नी शालिनी को सबके सामने अपमानित होना पड़ता है।
दीपक मे शराब पीने का तो एब था लेकिन वह अपनी पत्नी और बेटी से दिलो जान से प्यार करता था।
शराब की लत की वजह से दीपक बेटी के इन्सुलिंस के इंजेक्शन खरीदने में लापरवाही कर जाता था। उसकी इस लापरवाही की वजह से उसकी बेटी का शुगर लेवल हाई हो जाता है।
और उसे दोबारा अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ता है। शुगर लेवल हाई होने से उसकी बेटी की आंखों की रोशनी पर बुरा असर पड़ता है। और उसकी आंखों की रोशनी कम हो जाती है।
बेटी की बीमारी का खर्चा बढ़ने की वजह से शालिनी के पिता उसकी नौकरी अपने दफ्तर में लगवा देते हैं। शराबी दीपक की छोटी सोच थी, इसलिए वह यह समझता है कि शालिनी नौकरी करके अपने माता-पिता भाई-बहन अस पड़ोसियों रिश्तेदारों को यह दिखाना चाहती है कि मैं अपने परिवार का पालन पोषण ठीक से नहीं कर पा रहा हूं।
और इस बात को लेकर शालिनी से रोज झगड़ा करने लगता है। एक दिन रोज के झगड़ों से तंग आकर शालिनी दीपक का घर छोड़ कर अपने मायके चली जाती है।
और मायके से थोड़ा दूर ही किराए पर एक मकान लेकर अपनी बेटी की नौकरी करके परवरिश करने लगती है।
एक दिन शाम को दीपक अपनी बेटी से मिलने आता है तो उसकी बेटी उसे गली में ही खेलती हुई मिल जाती है। दीपक चुपचाप अपनी बेटी को गोदी में उठा कर अपने घर लाने लगता है, तो उसे याद आता है कि बेटी के इंसुलिन के इंजेक्शन तो उसके घर पर नहीं है।
उस समय बस से घर आते आते उसे बहुत रात हो जाती है, इसलिए वह पहले अपनी बेटी को घर छोड़कर इंसुलिन के इंजेक्शन देने जाता है, तो बेटी को घर के अंदर बंद करके बाहर से ताला लगा देता है, ताकि कहीं उसकी बेटी घर से बाहर ना चली जाए।
शराब का ठेका बंद ना हो जाए इसलिए वह पहले शराब खरीद कर पी लेता है। और वह फिर दवाई की दुकान पर इंसुलिन के इंजेक्शन लेने जाता है। तो शराब के नशे में दवाई वाले दुकानदार से झगड़ा कर लेता है। इसलिए दुकानदार उसे इंसुलिन के इंजेक्शन नहीं देता है। दूसरी दुकान पहुंचते-पहुंचते वह दुकान बंद हो जाती है।
घर पर उसकी बेटी को बहुत तेज भूख लगती है। लेकिन घर में बासी रोटी और चीनी के अलावा कुछ भी खाने के लिए नहीं था। इसलिए उसकी पांच साल की बेटी बहुत ज्यादा चीनी रोटी से खा लेती हैं। और उसका शुगर लेवल और बढ़ जाता है।
आधी रात को दीपक नशे में धुत बिना इंसुलिन के इंजेक्शन लिए घर आ जाता है। और बेटी को सोते देख अपने मन में सोचता है कि आज की रात कटने दो कल इंसुलिन के इंजेक्शन सुबह जल्दी खरीद कर बेटी को लगा दूंगा।
और खुद भी बिना कुछ खाए पिए भूखा ही सो जाता है। रोज की तरह जब उसकी बेटी रात को उससे दूध मांगती है, तो वह अपनी जान छुड़ाने के लिए उससे कह देता है कि "रसोई में दूध रखा है।" उसकी बेटी को रसोई में दूध नहीं मिलता तो वह दोबारा पानी में चीनी घोलकर पी लेती है।
दीपक ज्यादा नशे की वजह से सुबह देर से सो कर उठता है। इंसुलिन के इंजेक्शन नहीं लगने की वजह से और ज्यादा मीठा खाने की वजह से उसकी बेटी का शुगर लेवल बहुत ज्यादा हाई हो जाता है।
दीपक अपनी बेटी कि बूरी हालत देखकर उसे तुरंत अस्पताल लेकर जाता है। अस्पताल में उसकी बेटी दम तोड़ देती है। और उस दिन से दीपक को शराब से बेपनाह नफरत हो जाती है।
Vedshree
01-Apr-2023 11:08 PM
👌👌🌸
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Gunjan Kamal
01-Apr-2023 09:14 AM
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति 👌🙏🏻
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Ajay Tiwari
01-Apr-2023 08:23 AM
Very nice
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